जोहार 19 बछर के सियान छत्तीसगढ़

अंजोर
संपादकीय 2 नवंबर 2019। अब छत्तीसगढ़ ल नवा प्रदेश कहे के दिन उरक गे काबर कि ऐला सिरजे 19 बछर बितगे अउ 20वां के छांव परत हे। हमर छत्तीसगढ़ म लइका मन 20 साल के होवत ले डउकी-लइका वाला हो जथे, घर के सियानी करथे, दाई ददा ल पोसथे-पालथे तब भला अइसन म कइसे छत्तीसगढ़ ल नवा अउ युवा प्रदेश कहावं।
राज निर्माण के पहिली राज्योत्सव तको देखे रहेवं अब 20 वां राज्योत्सव ल तको देखत हवं। बहुत भारी अंतर हावय। सबले पहिली तो इही समझ नइ आवे उत्सव काकर, कोन मनावथे। जवाब भी सफा-सफा उत्सव सिरिफ नेती, मंत्री अउ अफसर मनके। ठीक हे छत्तीसगढ़ के ये परंपरा हावय कि काम बूता उरके के बाद लोगन मन मेला-मड़ई के जोखा मड़ाथे फेर अइसन बिभो तो नइ करय जोन इहां के सरकार पाछू 15 साल ले करत हे।  
आजकल छत्तीसगढ़ म कांग्रेस के सरकार हावय अउ मुख्यमंत्री हे ठोस छत्तीसगढ़िया भूपेश बघेल जी। सुरता होही जेन बखत अलग छत्तीसगढ़ राज बनिस अहू पइत इंकरे सरकार ह बागडोर संभालिस। अउ तीने साल काम करे के मउका मिलिस। तात्कालीन प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल विहारी वाजपेयी जी के किरपा ले छत्तीसगढ़िया मनके सपना साकार होइसे तेन पाके अगला सरकार भारतीय जनता पार्टी के बनिस अउ मुख्यमंत्री के रूप डॉ. रमन सिंह शपथ लीन। डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ के निर्माण के ओड़र म लगातार 15 बच्छर तक राज करिस। अउ राज करे के अंधाधुंध म असल काम ल ओमन भांप नइ पाइस। जोन रिहिसे छत्तीसगढ़ी कला, साहित्य अउ संस्कृति के सरंक्षण अउ संवर्धन। छत्तीसगढ़ के आम जनता जागिस तब देखिस के हमर राज के कला, संस्कृति अउ साहित्य ह धीरे-धीरे विलुप्ती के कगार म पहुंच त हे। उहीच दिन बाना बांधिस के अब से सरकार ल बदले पर परही। जनता ह एक सुर म छत्तीसगढ़ महतारी के यशगान करत प्रदेश म भाजपा के सरकार ह हटाये खातिर चुनाव म कांग्रेस ल चुनिस।

आज छत्तीसगढ़ म कांग्रेस के सरकार बने हावय तेन कांग्रेस के जीत नोहय बल्कि भाजपा के हार आए। भाजपा के अहंकार के अंत के सेती कांग्रेस ल सरकार बनाये के मउका मिलिस। ये बात ल प्रदेश के कांग्रेस सरकार तको जानथे। तभे तो हरेक काम उंकर छत्तीसगढ़िया मनके हित के खातिर होथे। भूपेश सरकार के सबो नीति गांव अउ ग्रामीण ले सुरू होथे। भूपेश सरकार ले छत्तीसगढ़ी कला, साहित्य अउ संस्कृति के जबर बुता खातिर लोगन के गजब आस रिहिसे। केछवा रेंगे सहिक धीरे-धीरे इहु कोति काम होवत रिहिसे तइसने ठउका राज्योत्सव आगे, माने करोड़ों रूपिया गवां के अपन महिमा मंडित करे के जलसा। 
चूक इहे ले सुरू होत हावय। काम कम अउ देखावा जादा भाजपा के नीति रहिसे। उहीं म कांग्रेस तको अभरगे। प्रदेश म जब ले भूपेश सरकार आये हावय इहां के प्रशासनिक अधिकारी मन छत्तीसगढ़ी समझे के प्रयास करत हावय। अउ कोन जनी ओ प्रयास कब पूरा होही ते मौली दाई ही जाने अउ ओ अफसर जाने। एसो बड़ा जोर-सोर ले छत्तीसगढ़ी रंग म राज्योत्सव के गोहार परत रिहिसे। फेर नेता मनके ही नंगाड़ा बजाये ले का होही असल काम तो अफसर मन ला करना हावय। राज्योत्यव म छत्तीसगढ़ी-छत्तीसगढ़ी के ढिंढोरा पीट के हिन्दी म सबो काम उरकाये जात हावय। उहू सरकार ह इहीच म चूक जावय। कथनी अउ करनी आन-आन करे ले काम नी बनाय। अपन नियत ल साफ राखे कर परही।

भूपेश बघेल जी ले मिलाके अधिकांश मंत्री छत्तीसगढ़ियाच हावय तभो ले छत्तीसगढ़ी रंग के हउवा भर उड़थे राहय कुछूच नहीं। आज 20वां स्थापना दिवस के मउका म सोशल मीडिया म खूब छत्तीसगढ़ी आखर तउरत रिहिसे। इहां तक की भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी तको छत्तीसगढ़ी म अपन बधाई संदेश ट्विट करे हावय। येकरे संगे हरियाण, पंजाब, मध्यप्रदेश, केरल अउ कर्नाटक के जनता ल उंकर महतारी भाखा म बधाई पठोय हावय। कतका खुशी होइसे राष्ट्रपति महोदय के छत्तीसगढ़ी भाखा के प्रति सम्मान ल देख के। का हमर प्रदेश के मुखिया ल छत्तीसगढ़ी म लिखे बर नइ आवे! आन दिन कइसे लिखथे? राज्योत्सव के मुख्यमंच ले तको छत्तीसगढ़ी के नाम म लोक कलाकार के सुर गुंजत रिहिसे। बाकि उद्बघोसना अउ उद्बोधन तो राजभासा म होबे नइ करिस। जबकि लोगन ल गजब उम्मीद रिहिसे...! हमर उम्मीद एक पइत फेर ओइसने टूटगे जइसे मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बखत टूटे रिहिसे। गलती काकरों राहय भगुतना तो उही ल हे जेन ल जनता चुनके भेजथे चुनाव म, अफसर मनके का बिगड़ना हावय। भूपेश बघेल जी ठेठ छत्तीसगढ़िया मुखिया आए तेन पाके लोगन ल आस थोकन जादा रिथे। ये सरकार के आए ले छत्तीसगढ़ी कला, साहित्य अउ संस्कृति के अंजोर देश दुनिया म बगरत हावय येमा दूमत नइये। देवरी तक तो सबो बने-बने रिहसे आगू घलोक सबे बने हो जही इही आस के संगे छत्तीसगढ़िया मनला अउ प्रदेश के नवा छत्तीसगढ़िया सरकार ल स्थापना दिवस के गाड़ा-गाड़ा बधाई।

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