राज्य स्थापना दिवस विशेष:हमर मुखिया भूपेश दाऊ

अंजोर

किसान बेटा ही किसान के पीरा ल जानथे 

नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी ले चाकर छाती 

संपादकीय 1 नवंबर 2019। छत्तीसगढ़ म नवा उछाह अउ उमंग दिखत हावय। चारो कोति छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति के सोर बगरत हावय। पाछू 15 साल ले वों सरकार के गुन ल लोगन मन अतका नइ गाइन जतका कुछेक दिन के कांग्रेस के सरकार के गावत हावय।
येकर सबले बड़े कारन स्वांगे हमर मुखिया के बेवहार हवय। पाटन विधानसभा ले निर्वा​चित दबंग छत्तीसगढ़िया नेता माननीय भूपेश बघेल जेने दिन ले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के सपथ ​लीन तेने दिन ले छत्तीसगढ़ के सुर बदले-बदले नजर आत रिहिसे। लोगन मनके मनसा रिहिस के ओमन छत्तीसगढ़ी म पद अउ गोपनियता के सपत लेही फेर आस पुरा नइ होइसे। राजभवन के अडघा लगाके प्रशासनिक अफसर मन राष्ट्रभासा हिन्दी म सपथ लेवाइस। उहू दरी मुखिया ह अपन मन ल सांत कर लीस काबर के संविधान ले ऊपर कोने नइये। फेर भूपेश दाऊ के मन ल छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़िया मन बर पीरा ह जबर रिहिसे। 
मुख्यमंत्री के कुर्सी सभंलिस अऊ अपन मुताबिक प्रशासनिक अफसर मन के नियुक्ति करके बागडोर ल अपन हाथ थामहिस। काबर के लोगन मनके गजब सिकायत रिहिस के अफसर मन बेलगाम होगे हावय, काकरों नइ सुने। अइसन मन भूपेश दाऊ करा चुनौती तो अबही घला हाबे फेर ओमन सबो चुनौती ले निपटने बर जानथे।सबले पहिली ओमन किसान मनके कर्जा माफी देके ओमन ल नि:संसो करिन। तेकर पाछू धान ल 2500 कोंटल म खरीद के उंकर आमदनी ल बड़ाइस। आगू घलोक सरकार ह धान ल 2500 रूपिया कोंटल म खरीदे के घोसना करे हावय। भूपेश दाऊ के दूनो फइसला ले मोर छत्तीसगढ़ के किसान मन सरकार के जय जय गइस। एक किसान के बेटा ही दूसर किसान के पीरा ल समाझथे। ऐसो जोन किसान के खेत म लहलहावत फसल दिखत हावय वो कर्जा ने उबरे अउ आगर रूपिया पाये के मोल के प्रतिफल आए। किसान ल सबो भगवान अउ अन्नदाता तो बेरा बखत म कही देथे फेर जेन ह पछीना के मोल चुहाथे उंकरे बढ़ई म छाती चाकर होथे।
अब तक के कार्यकाल ल लोगन संहरावत हावय। हालाकि चुनाव के आचार संहिता के सेती कुर्सी के जादा उपयोग नइ कर पाइस, जतका भीे करे हावय जबर बुता हे। अधिकारी, करमचारी मन कतका मगन हावय येहा असल मुद्दा नोहय काबर कि ओमन सरकार के काम करइया अउ जनता के तिमारदारी करे बर नौकरी करत हावय। उंकर का ओमन ल तो सिरिफ तनखा चाही, बेरा-बेरा मा पदोन्नती अउ बढ़ोत्तरी ताहन खुश। राजा के असल जिम्मेदारी हे राज के परजा। 
परजा कइसे खुश रही ये राजा ल सोचना हावय। अब के समे म खुदे राजा ल चिंतन करे बर परही, काबर की नानमुन बात बर सोज्झे राजा सो नी भेट करें सकय। अइसन मन भूपेश सरकार के गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के तहत छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी मील के पथरा बनही। नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी योजना ले आम जनता जेमन दूर दराज के गांव म बसथे तिकर बर गजब कारगर साबित होही। राजा घलो पांच बछर बर नि:संसो अउ परजा घलोक। अब नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी ला संक्षेप म समझबो तव गांव के आत्मस्वालंबन के छोटकुन उदीम आए जोन कुछ दिन बाद जबर रूप लेही।
बैपारी वर्ग बर ये सरकार कुछ नइ सोचे अइसन बात घलोक नोहय अउ आन विभाग मन लो उंकरो मन के कामकाज चलत हावय। मोर मति अनुसार जेन बैपार करत हावय ओमन ल अपन नफा नकसान के खुदे अंदाजा रिथे। अउ फेर पइसा वाला पइसे ले ही तो पइसे बनथे तव फेर अइसन म पइसा वाला मन ल मदद के जरूरते कहा परिस। जरूरत तो गरीब जनता ल हावय भूपेश दाऊ जइसन सरकार के जेन उंकर आर्थिक दशा ल सुधार सकय। आत्म सम्मान देवा सकय। भूपेश बघेल के कार्यशैली ले हर छत्तीसगढ़िया के आत्म सम्मान बड़हे हावय येमा कोनो दूमत नइये। ओमन जिहां जाथे तिहां अपन बोली भाखा अउ संस्कृति के झंठा उचाए गरब ले लोकरंग म रंगा जथे। सुरता होही हरेली के गेड़ी अउ भौंरा। सउवत देवारी के तिहार ल देखव कइसे ढंग ले ओकर पाछू-पाछू पुरा छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति ल जिये के सुरू कर दीस। तुहंर इही बेवहार के सेती तो सरी छत्तीसगढ़ तुंहला कहिथे ''हमर मुखिया भूपेश दाऊ''।
0 जयंत साहू, रायपुर

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !